About
हिंदी विभाग
विभागीय परिचय :
श्यामलाल कॉलेज (सांध्य) में स्थापित हिंदी विभाग अपने विद्यार्थियों की हिंदी भाषा एवं साहित्य के प्रति अभिरुचि का ध्यान रखते हुए उनके अकादमिक एवं सृजनात्मक विकास की दिशा में सतत अग्रसर है और उन्हें इस हेतु समुचित वातावरण प्रदान करने का प्रयास करता रहा है। हिंदी विभाग में कार्यरत शिक्षकों का साहित्य एवं प्रकाशन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हिंदी विभाग में कार्यरत अनेक शिक्षकों की साहित्यिक रचनाएं, लेख एवं शोध-पत्र समय-समय पर अनेक राष्ट्रीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं जो उनकी हिंदी भाषा, साहित्य एवं शोध के प्रति गहन रुचि के परिचायक है। अपने शिक्षकों के साहित्यिक कार्यों से हिंदी विभाग में अध्ययनरत रहे अनेक विद्यार्थी भी प्रेरणा ग्रहण कर अपने विद्यार्थी जीवन से ही हिंदी में मौलिक रचनाओं के सृजन की ओर अग्रसर होते रहे हैं। अपनी उक्त मौलिक रचनाओं के सृजन के बल पर हिंदी विभाग में अध्ययनरत रहे अनेक विद्यार्थी दिल्ली विश्वविद्यालय के दूसरे महाविद्यालयों के साहित्यिक मंचों पर भी अपनी प्रतिभा का महत्वपूर्ण परिचय देकर समय-समय पर पुरस्कृत होते रहे हैं जिसने श्यामलाल कॉलेज (सांध्य) के हिंदी विभाग को विश्वविद्यालय स्तर पर प्रतिष्ठित किया है। हिंदी विभाग के सभी शिक्षक अपने नियमित कक्षा अध्यापन, कक्षा परीक्षण, कक्षा में दिए गए कार्यभार (असाइनमेंट), कक्षा में सामूहिक चर्चा तथा अन्य साहित्यिक गतिविधियों के आयोजन द्वारा अपने विद्यार्थियों के शैक्षिक एवं बौद्धिक विकास के लिए सदैव तत्पर रहे हैं। हिंदी विभाग द्वारा हिंदी के विद्यार्थियों के साहित्यिक विकास हेतु अनेक गतिविधियों का आयोजन समय-समय पर किया जाता रहा है, साथ ही वर्ष 2014 में साहित्यिक गतिविधियों के विशेष आयोजन हेतु एक विभागीय साहित्यिक मंच ‘सृजन’ का गठन किया गया है। साहित्यिक विकास की दृष्टि से हिंदी विभाग द्वारा श्यामलाल कॉलेज (सांध्य) के अंग्रेजी विभाग के साथ मिलकर संयुक्त रूप से वर्ष 2016 के अक्टूबर माह में हमारे देश के ‘राष्ट्रीय संग्रहालय’, नई दिल्ली के सभागार में “भक्ति-आंदोलन में संत चरिताख्यान, मानवतावाद और जाति-संरचना” शीर्षक विषय पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन भी किया जा चुका है और समय-समय पर अनेक विशेष व्याख्यान आयोजित किए जाते रहे हैं। हिंदी विभाग वर्तमान में भी अपनी ‘विभागीय विशेष व्याख्यान श्रृंखला’ के आयोजन के माध्यम से इसी दिशा में सतत अग्रसर है।
विभागीय परिचय :
श्यामलाल कॉलेज (सांध्य) में स्थापित हिंदी विभाग अपने विद्यार्थियों की हिंदी भाषा एवं साहित्य के प्रति अभिरुचि का ध्यान रखते हुए उनके अकादमिक एवं सृजनात्मक विकास की दिशा में सतत अग्रसर है और उन्हें इस हेतु समुचित वातावरण प्रदान करने का प्रयास करता रहा है। हिंदी विभाग में कार्यरत शिक्षकों का साहित्य एवं प्रकाशन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हिंदी विभाग में कार्यरत अनेक शिक्षकों की साहित्यिक रचनाएं, लेख एवं शोध-पत्र समय-समय पर अनेक राष्ट्रीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं जो उनकी हिंदी भाषा, साहित्य एवं शोध के प्रति गहन रुचि के परिचायक है। अपने शिक्षकों के साहित्यिक कार्यों से हिंदी विभाग में अध्ययनरत रहे अनेक विद्यार्थी भी प्रेरणा ग्रहण कर अपने विद्यार्थी जीवन से ही हिंदी में मौलिक रचनाओं के सृजन की ओर अग्रसर होते रहे हैं। अपनी उक्त मौलिक रचनाओं के सृजन के बल पर हिंदी विभाग में अध्ययनरत रहे अनेक विद्यार्थी दिल्ली विश्वविद्यालय के दूसरे महाविद्यालयों के साहित्यिक मंचों पर भी अपनी प्रतिभा का महत्वपूर्ण परिचय देकर समय-समय पर पुरस्कृत होते रहे हैं जिसने श्यामलाल कॉलेज (सांध्य) के हिंदी विभाग को विश्वविद्यालय स्तर पर प्रतिष्ठित किया है। हिंदी विभाग के सभी शिक्षक अपने नियमित कक्षा अध्यापन, कक्षा परीक्षण, कक्षा में दिए गए कार्यभार (असाइनमेंट), कक्षा में सामूहिक चर्चा तथा अन्य साहित्यिक गतिविधियों के आयोजन द्वारा अपने विद्यार्थियों के शैक्षिक एवं बौद्धिक विकास के लिए सदैव तत्पर रहे हैं। हिंदी विभाग द्वारा हिंदी के विद्यार्थियों के साहित्यिक विकास हेतु अनेक गतिविधियों का आयोजन समय-समय पर किया जाता रहा है, साथ ही वर्ष 2014 में साहित्यिक गतिविधियों के विशेष आयोजन हेतु एक विभागीय साहित्यिक मंच ‘सृजन’ का गठन किया गया है। साहित्यिक विकास की दृष्टि से हिंदी विभाग द्वारा श्यामलाल कॉलेज (सांध्य) के अंग्रेजी विभाग के साथ मिलकर संयुक्त रूप से वर्ष 2016 के अक्टूबर माह में हमारे देश के ‘राष्ट्रीय संग्रहालय’, नई दिल्ली के सभागार में “भक्ति-आंदोलन में संत चरिताख्यान, मानवतावाद और जाति-संरचना” शीर्षक विषय पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन भी किया जा चुका है और समय-समय पर अनेक विशेष व्याख्यान आयोजित किए जाते रहे हैं। हिंदी विभाग वर्तमान में भी अपनी ‘विभागीय विशेष व्याख्यान श्रृंखला’ के आयोजन के माध्यम से इसी दिशा में सतत अग्रसर है।