• Walk-in-Interview of Guest Faculty in the Department of Political Science | NSS Interaction Notice | Notice reg. Ambedkar Study Circle | Quotation for PVC ID Card Material + Designing + Printing (both side) | Notice for Magazine 'STAVAK' 2024-25 | Equal Opportunity Cell-2024-25 | Screening Outcome for the Post of Assistant Professor in Department of History |

  • Shyam Lal College (Evening)

    शिक्षक दिवस 2024

    दिल्ली विश्वविद्यालय के श्यामलाल महाविद्यालय ( सांध्य) में हिंदी विभाग के विद्यार्थियों ने शिक्षक दिवस के अवसर पर अपने शिक्षकों के सम्मान में कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्वलन से हुआ तत्पश्चात कॉलेज के प्राचार्य प्रो. नचिकेता सिंह ने सभी  विद्यार्थियों को आज के दिन की महत्ता को रेखांकित करते हुए  कहा कि शिक्षा का काम एक मुक्त रचनात्मक व्यक्तित्व का निर्माण करना होता है।इसीलिए शिक्षा केवल कक्षा तक सीमित नहीं होनी चाहिए,बल्कि कक्षा के बाहर भी हमें नित्य सीखते रहना चाहिए। क्योंकि ऐसी शिक्षा हमारे समूचे व्यक्तित्व का निर्माण करती है।जिससे समाज और राष्ट्र का निर्माण सुनिश्चित होता है। शिक्षक का काम बच्चों के अंदर विचारों को जबरदस्ती थोपना नहीं होता,बल्कि उनका काम विद्यार्थियों के अंदर जीवन के संघर्षों, उससे उपजी परेशानियों आदि से जूझने के जज्बे को पैदा करना भी होता है।इस कार्यक्रम की तारीफ़ करते हुए उन्होंने आगे कहा कि हिंदी विभाग के विद्यार्थियों ने खुद के जुटाए सीमित संसाधनों के बल पर अपने अध्यापकों के सम्मान में इतना अच्छा आयोजन किया।यह आयोजन बताता है कि इस विभाग के अध्यापकों और विद्यार्थियों के बीच कितना गहरा संबंध है।
     
    हिंदी विभाग की प्रभारी प्रो. सुमित्रा महरोल ने देश की पहली महिला शिक्षक सावित्रीबाई फुले के स्त्री शिक्षा के योगदान को रेखांकित करते हुए बच्चों को इस सफल आयोजन के लिए बधाई दी।प्रो. अनिल राय ने आज के दिन डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के विचारों को याद करते हुए कहा कि आज के दिन शिक्षकों को भी आत्म-मूल्यांकन करने की बहुत जरूरत है।डॉ.सुनीता खुराना ने पंडित रमाबाई को याद करते हुए शिक्षक के दायित्वों को समझाया।
    प्रो.अर्चना उपाध्याय ने शिक्षक और विद्यार्थियों के बीच पुल का काम कर रही हिंदी के महत्व को सबके साथ साझा किया।वहीं डॉ अमित सिंह ने अपनी कविता की पंक्तियों के माध्यम से यह बताया कि शिक्षक हमेशा सीखता रहता है।यह सीखने की प्रक्रिया दोतरफा होनी चाहिए। समारोह के दौरान कुछ विद्यार्थियों ने गीत एवं स्वरचित मौलिक कविताओं का पाठ भी किया।
     
    इस कार्यक्रम में प्रो. सरिता, डॉ. सुनीता सक्सेना, डॉ. रीनू गुप्ता,डॉ. दीपिका वर्मा, सुश्री अंजू बाला,डॉक्टर अरुणा चौधरी ,डॉ. नीरज कुमार मिश्र आदि अध्यापकों के साथ हिंदी विभाग के तीनों वर्षों के विद्यार्थियों की गरिमामयी उपस्थिति रही। इस कार्यक्रम का संचालन अक्षय और भानुप्रताप ने किया।
    अगले दिन कार्यक्रम की रिपोर्ट कुछ  समाचार पत्रों में प्रकाशित भी हुई।

    Copyright 2021. All rights reserved | Designed & Developed by Maxtratechnologies Pvt. Ltd.